Bhoramdev Wildlife Sanctuary

भोरमदेव वन्यजीव अभ्यारण्य का स्थान

भोरमदेव वन्यजीव अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ राज्य के कबीरधाम जिले में स्थित है|

और यह लगभग 352 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण्य मैकाल पर्वत श्रृंखला की सतपुड़ा पहाड़ियों में स्थित है, जो इसे एक अनूठी जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर बनाता है। यहां की लहरदार पहाड़ियाँ, घने जंगल और बहती नदियाँ इसे एक सुरम्य और पारिस्थितिक दृष्टि से समृद्ध स्थान बनाते हैं।

यह अभ्यारण्य कवर्धा शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है, जो रायपुर से लगभग 140 किलोमीटर उत्तरपश्चिम में स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से यह अभ्यारण्य कान्हाअचानकमार वन्यजीव गलियारे का हिस्सा है, जो मध्य प्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और छत्तीसगढ़ के अचानकमार वन्यजीव अभ्यारण्य को जोड़ता है। 

यह गलियारा बाघतेंदुए और अन्य बड़े स्तनधारियों के प्रवास और उनके आनुवंशिक आदानप्रदान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

भोरमदेव वन्यजीव अभ्यारण्य का नाम पास के भोरमदेव मंदिर के नाम पर रखा गया है, जो 7वीं से 11वीं शताब्दी के बीच बना एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर कोछत्तीसगढ़ का खजुराहोभी कहा जाता है, जो अपनी अद्भुत कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है और क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल है। अभ्यारण्य के समीप इस ऐतिहासिक धरोहर की उपस्थिति इसे केवल प्रकृति प्रेमियों बल्कि इतिहास के शोधकर्ताओं और सांस्कृतिक उत्साही लोगों के लिए भी एक आदर्श गंतव्य बनाती है।

मैकाल पर्वत श्रृंखला में स्थित यह अभ्यारण्य, कान्हाअचानकमार जैसे महत्वपूर्ण वन्यजीव गलियारों और भोरमदेव मंदिर जैसे सांस्कृतिक स्थलों से घिरा हुआ है, जो इसे संरक्षण प्रयासों और ईकोटूरिज्म के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाता है।