छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित भोरमदेव वन्यजीव अभ्यारण्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। लगभग 352 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभ्यारण्य को 2001 में वन्यजीव संरक्षण के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया।
भोरमदेव मंदिर, जो इस क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है, अभ्यारण्य के नामकरण का आधार है।